मैत्रायणी उपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ maiteraayeni upenised ]
उदाहरण वाक्य
- मैत्रायणी उपनिषद पुरानी उपनिषदों में नहीं मानी जाती।
- इसे मैत्रायणी उपनिषद भी कहा जाता है।
- मैत्रायणी उपनिषद में त्रिमूर्ति और चार्तुआश्रम सिद्धांत का उल्लेख है।
- मैत्रायणी उपनिषद (1,4) से इन् द्रद्युम् न के चक्रवर्ती होने का पता चलता है।
- आरण्यकों में ऐतरेय आरण्यक, शांखायन्त आरण्यक, बृहदारण्यक, मैत्रायणी उपनिषद आरण्यक तथा तवलकार आरण्यक (इसे जैमिनीयोपनिषद ब्राह्मण भी कहते हैं)
- शंकर बालकृष्ण दीक्षित महोदय ने मैत्रायणी उपनिषद की ईसवी सन् ने 1600 पूर्व का और शतपथ ब्राह्मण को 3000 वर्ष का माना था ।
- शंकर बाल कृष्ण ने मैत्रायणी उपनिषद को ईसवी सन से 1900 वर्ष पूर्व का और शतपथ ब्राह्मण से 3000 वर्ष पूर्व का माना है।
- मैत्रायणी उपनिषद सबसे पीछे का उपनिषद कहा जाता है और उसमें छांदोग्य उपनिषद के अवतरण मिलते है, इसलिए छांदोग्य मैत्रीयणी से पूर्व का उपनिषद हुआ ।
- [2] ज्योतिष का प्रमाण देते हुए श्री मीतल लिखते हैं-” मैत्रायणी उपनिषद और शतपथ ब्राह्मण के “ कृतिका स्वादधीत ” उल्लेख से तत्कालीन खगोल-स्थिति की गणना कर ट्रेनिंग कालेज, पूना के गणित प्राध्यापक स् व.
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